१) हम दोनों के संवादों में मेरा ह यह अक्षर इस बात का प्रमाण रहा हमेशा से आप कहते थे और हम सुनते थे । २) प्रथम मुलाकात में बिच्छडते समय तुम्हारा यूं पलटकर देखना काश अगली मुलाकात के वादों पर आंखों से किया हस्ताक्षर होता । ३) उस दिन सरिता के आंखों का पानी सुख गया जिस दिन तुमने नदी किनारे बैठकर उसे मिटाने की योजनाओं को जन्म दिया । ४) बचाये रखना खुद को प्रेम में सर्वस्य अर्पण करने के पूर्व जैसे मृत्यु की दहलीज पर खड़ी सांसें निरंतर संचीत करती हैं भविष्य के लिए निधी । ५) तुम्हारे आवाज के स्पर्श की एक अरसे से हो गई है आदत सी जो छुती है मेरी आत्मा को अब देह के स्पर्श का कोई मतलब नहीं रहा है । ६) आंगन की तुलसी पूरा दिन तुम्हारी प्रतिक्षा में कांट देती है पर तुम्ह कभी उसके लिए नहीं लौटे ।