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दो पन्नों के बीच की हत्या

अभी-अभी किताब के  पन्ने पलटते समय  दो पन्नों के बीच  दबाकर एक चींटी की  हत्या कर दी गई  ख़बर नहीं फैली ठीक  उसी घटना की तरह जब कुछ दिन पूर्व  रेलवे की लाइन बिच्छाते  समय घने जंगल में कुछ मजदूर  मलबे के आधीन हो गए थे और एक ही रात में  सरकारी बहीखाते से  उनके नाम भी गायब हो गए थे चींटी की लाश की तरह ही  उनकी लाशों को भी  दो पन्नों के बीच दबाकर  रख दिया गया जहाँ एक कवि ने लिखा था  मजदूर विकास का पहिया है  उसकी देह में बहते लहू की कसम  उसके साथ अन्याय होने नहीं देंगे हम

रिति अँजुरी

तुमने प्रेम मांगा  मैंने अंजुरी भर कर दिया  तुमने सहारा मांगा  मैंने अपने आंँचल को  फैला दिया  तुमने दुख में साथ मांगा  मैं समस्त सृष्टि की  भाषाओं के उन शब्द को  चुनकर ले आयी  जिसमें दुख को  कम करने की ताकत थी  तुमने रात दिन   किसी भी प्रहर में  मेरी दहलीज पर दस्तक दी  मैं हमेशा से मौजूद रही  पर आज मेरा अकेलापन  इस दुनिया की सबसे  भारी वस्तु बन  मेरे जीवन में व्याप्त हैं  और ऐसे समय में  तुम कहाँ हो ? बस बची है मेरे साथ  मेरी रीति अँजुरी और मेरे आंखों से  भीगा आँचल  और वो भाषा बची है जिसमें केवल सिसकियाँ की ध्वनि निहित हैं  और  दिन और रात जहाँ  किसी भी प्रहर अब  कोई दस्तक नहीं देता है

कितना विभत्स होता जा रहा है

यह खेल बहुत ही विभत्स होता जा रहा है जहाँ हम केवल अपना स्वार्थ चर रहे हैं भीड़ चल रही है निरंतर दीमकों की तरह एक दूसरे का धीरे-धीरे भक्षण करती हुई यहाँ हर एक के होठों पर एक बुँद रक्त लगा है और सबके जबडों में किसी न किसी के सपनों को जबाने की गंध बसी है यहाँ इंसान बधाई की मालायें एक दूसरे को पहनाता रहा है नफरतों के धागे में फूलों की बली देकर यहाँ कुछ पुरूष स्त्रियों को उसके कर्मों से कम और देह से अधिक जानने की कवायत में लगा हुआ है और कुछ स्त्रियाँ पुरूष को कामयाबी के सफर की सवारी समझ हरदम चढ़ने के लिए लालायित नजर आती है यह दुनिया उसी दिन रहने लायक हो जाएगी जिस दिन इंसानों को गौण करके अन्य जानवरों के लिए छोड़ी जाएगी

सपनो का मर जाना

सपनों का मर जाना वाकई बहुत खतरनाक होता है  वह भी ऐसे समय में  जब बडे़ मुश्किल से  तितली संभाल रही हैं  अपने रंगों का साम्राज्य निर्माण हो रहा है मुश्किल  से गर्भ में शिशु  और जद्दोजहद करके  नदी बना रही हैं  अपना रास्ता  बहुत कठिनाइयों से  वृक्ष बचा रहे हैं अपनी उम्र कुल्हाड़ियों के मालिकों से  वाकई समय बहुत खतरनाक हैं  जब केंचुए के पीठ पर  दांत उग रहे हैं  और ऐसे समय में  सपनों का मर जाना  समस्त सृष्टि का कालांतर में  धीरे-धीरे अपाहिज हो जाना है