पर्वत जड़ नहीं होते हैं उसने सिखाई है आसमान को पानी की भाषा वे नदी का माथा चूमकर भेजते हैं उसे समंदर के पास एक पिता की माफत पर्वत जड़ नहीं होते हैं उसने सिखाई है मनुष्य के आंखों की पुतलियों को उंचाईयों की परिभाषा पर्वत जड़ नहीं होते हैं उसने टहनियों पर बजाई है हवा के साथ मिलकर धून और सुनाई हैं जंगलों को लोरियां पर्वत जड़ नहीं होते हैं इस सृष्टि में सबसे जड़ है तो मनुष्य का ह्रदय
तुम नहीं भूलते हो जरूरी और कीमतीं चीजों को ना ही तुम रखते हो उन्हें इधर-उधर पर अक्सर तुम गैरजरूरी चीजों को या फिर जिसमें न हो कोई लाभ उन्हें फेंक देते हो इधर उधर या फिर सालों पड़ी रहती हैं वो चीजें धूल के परतों के भीतर चाहे सामान हो या कोई इंसान पर तमाम भूली हुई चीजें, रिश्ते तुम्हारी तरफ देखते रहती हैं तुम्हारी हर हरकत पर उनकी होती है नजर इस जहांन में सबसे ज्यादा वही चीजें या रिश्ते तुम्हें याद करती हैं जिन्हें तुमने बहुत कम कीमती या फिर गैरजरूरी समझा हो और एक दिन समय के पहले ही कुछ रिश्ते, चीजें अलविदा कह जाते हैं