उस दिन बाहर की बारिश तेज थी और उसमें बहुत सी चीखें दब रही थी और उसी दिन बहा था एक देह सांसो से आलग होकर ईश्वर की ओट में जाकर उसने मांग ली थी उस ईश से अंतिम भेट इस देह को अग्नि के समर्पित न कर बहा ले जा पानी की निर्मल धार में बेघरों के लिए अग्नि से अधिक सुखद होता है जल की निर्मल धार कारण सबको पता होता है पर कारण जो बने उनके नामों पर हे ईश्वर आप परदा डाल देना लाज का