1. उस साल मेरे शहर में बहुत सी प्रतिमाओं का अनावरण हुआ था और उसी साल बहुत से बेघरों को उ न प्रतिमाओं के नीचे आश्रय मिला था 2. एका अरसे बाद मैं रेलवे स्टेशन पर गया पर मुझे ना तुम्हारे पास आना था ना ना तुम मेरे पास आ रही थी बस में इस आने जाने वाले खेल की यादों में फिर से एक बार डुब जाना चाहता था झूठा ही सही फिर एक बार में तुम्हें सच मानकर जीना चाहता था