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आत्महत्याएं


कुछ आत्महत्याओं में 
सच्चाई के पर्चें 
नहीं खोले जाते हैं 
हत्यारे के नाम पर 
हमेशा कफन पड़ा रहता है 
क्योंकि कुछ आत्महत्या 
देह कि नहीं 
आत्मा के होती हैं


टिप्पणियाँ

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 17 फ़रवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह ! उन चोटों का क्या जो दिखाई नहीं देतीं ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत गहन ।
    आज कल तो देह के हत्यारों पर भी कफन पड़ा रहता है क्यों कि नाम सामने पता होते हुए भी साबित नहीं हो पाता ।

    जवाब देंहटाएं

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