सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

औरत

औरत 



हर औरत के भीतर 

होता है एक वृक्ष 

बडी मजबूती से

अनुभवों की जडे

पसारती है वो

भीतर से भीतर 

निरतंर


बचती है वो दीमकों से 

जो बैठा है जा उसके

स्वाभिमानी जडो पर 


औरत के अतंस में 

बहती है एक नदी

खारेपन की

ओढकर उस पर

परत फौलादी

दौडती है वो निरतंर

सघर्ष की धूप  मे

नन्ही कपोलो के लिये

लेकर नमी


अचानक होता है उसे आभास 

जड़ों से दूर होती

मिट्टी का एहसास

 यातनाओ का चक्र

हाथ से समेटते रिश्ते

होते है रक्तरंजित


पत्तों का मौन होना

शुरू होता है वृक्ष का

ठूंठ हो जाना

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सपनो का मर जाना

सपनों का मर जाना वाकई बहुत खतरनाक होता है  वह भी ऐसे समय में  जब बडे़ मुश्किल से  तितली संभाल रही हैं  अपने रंगों का साम्राज्य निर्माण हो रहा है मुश्किल  से गर्भ में शिशु  और जद्दोजहद करके  नदी बना रही हैं  अपना रास्ता  बहुत कठिनाइयों से  वृक्ष बचा रहे हैं अपनी उम्र कुल्हाड़ियों के मालिकों से  वाकई समय बहुत खतरनाक हैं  जब केंचुए के पीठ पर  दांत उग रहे हैं  और ऐसे समय में  सपनों का मर जाना  समस्त सृष्टि का कालांतर में  धीरे-धीरे अपाहिज हो जाना है

नदी

एक नदी दूर से  पत्थरों को तोड़ती रही  और अपने देह से  रेत को बहाती रही  पर रेत को थमाते हुए  सागर की बाहों में  उसने सदा से  अपने जख्मों को  छुपाकर रखा  और सागर बड़े गर्व से  किनारे पर रचता आया रेत का अम्बार और दुनिया भर के  अनगिनत प्रेमियों ने  रेत पर लिख डाले  अपने प्रेमी के नाम  और शुक्रिया करते रहे  समंदर के संसार का  और नदी तलहटी में  खामोशी से समाती रही  पर्दे के पीछे का दृश्य  जितना पीड़ादायक होता है  उतना ही ओझल  संसार की नज़रों से

एक ऐसा भी शहर

हर महानगरों के बीचो -बीच  ओवरपुल के नीचे  बसता है, एक शहर  रात में महंगे रोशनी में सोता है  सिर के नीचे तह करके  अंँधियारे का तंकिया  यहाँ चुल्हें पर पकती है आधी रोटी और आधी  इस शहर की धूल लोकतंत्र के चश्मे से नहीं दिखता यह शहर क्यों कि इनकी झोली में  होते हैं  इनके उम्र से भी अधिक  शहर बदलने के पते यह शहर कभी किसी जुलूस में  नहीं भाग लेता है ना ही रोटी कपड़े आवास की मांँग करता है  पर महानगरों के बीचो-बीच उगते ये अधनंगे  शहर हमारे जनगणना के खाते में दर्ज नही होते हैं पर न्याय के चौखट के बाहर नर या आदम का खेल खेलते अक्सर हमारे आँखों में खटकते है