इन्तजार
हर कण में होता है निहित
जन्म से लेकर मरण तक
दुख से लेकर सुख तक
फिर हो वो व्यवहार का बाजार
या हो वो भावनाओं का संसार
निहारना कभी उस उदास चेहरें को
बेच रहा है जो गंली चौराहे पे
झाडू बरतन सब्जी खिलौना
इन चीज़ों के साथ साथ
लेकर घूमता है वो एक इंतजार
सर का बोझ होकर थोडा सा हल्का
पुँहच जाता है उसकी जेब तक
खत्म होता है तब चंक्की चूल्हे का इन्तजार
सरहदों पे तैनात है अनगिनत इन्तजार
बूढ़े चश्मे को बेटे के लौटने का इन्तजार
जीवन संगिनी को है मिलन का इन्तजार
एक कदम के सरहदों से लौटने से
खत्म होते है कही कही इन्तजार
वंसुधरा को भी है इन्तजार
उसकी बंजरता के खत्म होने का
कुम्हार के चाक को भी है इन्तजार
फिर से जीवन की गति लिये दौडने का
गाँव भी कर रहा है एक इंतजार
शहर का फिर से लौटने का।
कावेरी
हर कण में होता है निहित
जन्म से लेकर मरण तक
दुख से लेकर सुख तक
फिर हो वो व्यवहार का बाजार
या हो वो भावनाओं का संसार
निहारना कभी उस उदास चेहरें को
बेच रहा है जो गंली चौराहे पे
झाडू बरतन सब्जी खिलौना
इन चीज़ों के साथ साथ
लेकर घूमता है वो एक इंतजार
सर का बोझ होकर थोडा सा हल्का
पुँहच जाता है उसकी जेब तक
खत्म होता है तब चंक्की चूल्हे का इन्तजार
सरहदों पे तैनात है अनगिनत इन्तजार
बूढ़े चश्मे को बेटे के लौटने का इन्तजार
जीवन संगिनी को है मिलन का इन्तजार
एक कदम के सरहदों से लौटने से
खत्म होते है कही कही इन्तजार
वंसुधरा को भी है इन्तजार
उसकी बंजरता के खत्म होने का
कुम्हार के चाक को भी है इन्तजार
फिर से जीवन की गति लिये दौडने का
गाँव भी कर रहा है एक इंतजार
शहर का फिर से लौटने का।
कावेरी
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें
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