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रिश्ते

हर रिश्ते  में
दो लोग होते हैं
एक वफादार
एक बेवफा

वफादार रिश्ता निभाने
की बातें करता है
बेवफा बीच रास्ते
में छोड़कर जाने की
बातें  करता है

वफादार रुक जाने
के लिए सौ  कसमें
देता है

वहीं बेवफा
वफादार को
इतना मजबूर कर देता है
कि वफादार  लौट जाता है
और बेवफा आगे निकल जाता है
रिश्ते की यहीं कहानी होती है अक्सर

टिप्पणियाँ

  1. हार नहीं हर
    बिच नहीं बीच
    रिश्ततओं नहीं रिश्तों

    बाकी कविता बेहद अच्छी है। बेवफाओं से ही दुनिया गुलजार है, लेकिन।

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