बहुत से सपने मर जाते हैं
मन के दराज़ के भीतर
कुछ तो आत्मा से जुड़े होते हैं
वहां पडे़ होते है शहरों के पत्ते
नामों के साथ लगे सर्वनाम भी
और ताउम्र इन सपनों के
पार्थिव शरीर उठाये हम चलते हैं
मृत्युशय्या पर हम अकेले नहीं
हमारे साथ जलता हैं वो सब
जिन्होंने ताउम्र जलाया होता है हमें
बिना आग बिना जलावन के
धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमार्मिक कविता।
जवाब देंहटाएंसुन्दर
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