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हत्या

तुम बड़े माहीर बनते जा रहे थें 
हत्या को आत्महत्या का वस्त्र पहनाने में 

तुमने मुझे कहा ज़हर पीकर मर जाओं 
तुमने मुझे कहा नदी के सूपूंर्त हो जाओं 
तुमने मुझे कहा पंखे से लटक कर मर जाओं

पर मैंने साहस से जीवन चुना  
पर तुम राक्षसीवृत्ती के थे 
इसलिए तुमने हंत्यार ही चुना मेरे लिए 
और जीवन हार गया

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