विश्व कविता दिवस पर
कविता
एक कतरा उजाला
टांक देती है
अंधेरे के जेबें पर
कविता
करती हैं स्पर्श
उस खारे पानी के जल को
जो अन्नदाताओं के
गमछें भिगो देता है
कविता तुलसी का
इन्तजार
और चाँद के बेवफाई का
किस्सा हैं
कविता सरहदों से
न लौटे
उन्ह अपनों से बिछुड़े
परिजनों के
आंखों का सवाल हैं
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