बेटियों के जनने की खबरें
पहुंचाई जाती रही अब तक
मायुसी के कागज में लपेटकर
किसी मातम की तरह
और जनने के तुरंत बाद
किया गया मरने इंतजार
या फिर मिटाने का इंतजाम
पर इन जिद्दी बेटियों ने
ना छोडी सांसे
ना कदमों की गति
जब गाय की तरह
खुटीं बदलने की बारी आई
तो ये बेटियाँ
निकली अपने बाबा के घर से
बांधकर कुछ बीज
या फिर लेकर कुछ ज्ञान
रोप दिये बीज उग आया
धान पक गया मीठा चावल
धरती मुस्कुराए
अक्षरों को उड़ेला चहुँ ओर
और मुस्कुराया उजाल
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 11 जुलाई 2022 को साझा की गयी है....
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
अक्षरों को उड़ेला चहुँ ओर
जवाब देंहटाएंऔर मुस्कुराया उजाल
–सुन्दर
बहुत खूबसूरत रचना ।।पहले भी टिप्पणी की थी ...... अभी दिख नहीं रही म
जवाब देंहटाएंहा क्या धन्यवाद🙏💕
हटाएंबेहतरीन रचना
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