प्रिय तुम कभी नहीं बन सके
एक अच्छे प्रेमी
पर एक बेहतरीन मार्गदर्शक
जरूर बने
तुम्हारी जटिल से जटिल
राजनीति और अर्थशास्त्र
का ज्ञान देख
मैं हमेशा अचंभित रही
पर मेरे ह्रदय में बसा
सबसे सरल प्यार
तुम कभी समझ नहीं सके
मजदूर के उदासी
का रंग
अपनी क़लम में भरकर
तुमने क्रांति लिखी
पर मेरी आंखो में
तैरता विरह का
रंग तुम कभी पढ़ नहीं सके
प्रिय
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