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दुनिया के हिसाब


१.

दुनिया कहती थी
वो बहुत हंसती है
उसकी मुस्कुराहट देखने
जब मैं गया
चेहरे पर तो मुस्कान थी
पर हथेलियां भीगी हुई थी
जिसका जिक्र
दुनिया नहीं कर रही थी


२.

जिस दिन तुम
एक औरत का दुख
समझ जाओगे
उस दिन हल के नीचे
आने के बाद भी
एक बीज अंकुरित क्यों होता है
उसका सार समझ जाओगे


३.

पुरुष को अगर
औरत का दर्द समझना है तो
उसकी पहली शर्त यही है
कि उसे पहले पुरुष होना पड़ेगा


४.

दुख तो अपने ही देते हैं
अजनबी तो धक्का लगने पर भी
सॉरी कहकर चले जाते हैं ।

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