तना हुआ वृक्ष
तुम देख रही हो ना
नदी के तट पर नारियल के
तने हुए वृक्ष असंख्य
वे खड़े रहते हैं नदी के लिए
हर अच्छे-बुरे मौसम में
होना चाहता हूं
मैं भी
नारियल का वह वृक्ष
खड़ा /झूमता /तना हुआ
तुम्हारे लिए
जीवन के सभी मौसम में
तुम बनो नदी
मैं बनूं नारियल का वृक्ष
झूमता हुआ /तना हुआ
सुन्दर सृजन ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएंअदभुद कविता। नया बिंब अन्यथा नारियल वृक्ष को छायादार नहीं माना जाता है। शुभकामनाएं आपको।
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम अति सुंदर
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