1.
औरतें अजीब होती हैं
लोग सच कहते हैं
क्यू की उसके जनने
की खबर तुम
दिल से नहीं दिमाग से सुनते हो ।
2.
बाँस के पास जाने से सब डरते हैं
पर सच्चाई तो यह है
बाँस इसलिए अपने इर्द -गिर्द
काँटों का जंगल खड़ा कर देता है
कही दुनिया उसके खोखलेपन
का राज़ जान न जाए
हम भी बाँस की तरह ही जीते हैं ।
3
कुछ पुरूष चाहते थे
औरत आज भी जंगल में ही बसे
और वे कमान उटाकर
शीकार पर निकल पड़े
औरत को वो देह से जानते थे
इसलिए देह की भाषा बोलते थे ।
4.
तुम्हारे साथ की उपस्थिति के लिए
मैंने साथी होने से अधिक
स्वीकार किया सहयात्री होना
नहीं अभिलाषा उठी कभी
अपने कदमों को रोक
तुम्हारे साथ छांव में सुस्तानेकी
स्वार्थ केवल इतना भर रहा
तुम्हारे पग राह को छूने से पहले
उस राह के कंकड़ पत्थरों
को मेरे तलवे बीन सके ।
नये तेवर की बहुत अच्छी और सुंदर क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंबधाई