सपनों का मर जाना
वाकई बहुत खतरनाक होता है
वह भी ऐसे समय में
जब बडे़ मुश्किल से
तितली संभाल रही हैं
अपने रंगों का साम्राज्य
निर्माण हो रहा है मुश्किल
से गर्भ में शिशु
और जद्दोजहद करके
नदी बना रही हैं
अपना रास्ता
बहुत कठिनाइयों से
वृक्ष बचा रहे हैं अपनी उम्र
कुल्हाड़ियों के मालिकों से
वाकई समय बहुत खतरनाक हैं
जब केंचुए के पीठ पर
दांत उग रहे हैं
और ऐसे समय में
सपनों का मर जाना
समस्त सृष्टि का कालांतर में
धीरे-धीरे अपाहिज हो जाना है
वाह।
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(१०-१० -२०२२ ) को 'निर्माण हो रहा है मुश्किल '(चर्चा अंक-४५७७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसपनों का मर जाना
जवाब देंहटाएंसमस्त सृष्टि का कालांतर में
धीरे-धीरे अपाहिज हो जाना है
.. मानवीय संवेदना का हृदयस्पर्शी चिंतन ।
बहुत प्यारी रचना
जवाब देंहटाएंगूढ़ अर्थ लिए बहुत ही हृदयस्पर्शी रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंस्वप्नों का मर जाना मानो
जवाब देंहटाएंजीवन के सारे रस का सूख जाना..
बहुत अच्छी रचना।
सादर।