तुम चले गए हो
और मेरे पास जो बचा है
वो केवल गुजरे समय की
एक समाधि है
जिस पर रोज सुबह फुल विश्राम
करते हैं
और रात में अंतिम निद्रा में लीन हो जाते हैं
और मेरे आंखों के जलाशय में
रक्त वर्णी फुल फिर जन्म लेते हैं
फिर मुरझा जाते हैं
और कुछ इस तरह मेरा प्रेम
संवाद से समाधि तक के
महाप्रस्थान की ओर बढ़ रहा है
वाह
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