बहुत देर तक आज
सोई रही बारिश के कारण
ये बारिश भी अजीब है ना
मध्यरात्रि में जगा दिया
और सुबह होते -होते सुला दिया
ये बारिशें बिल्कुल
सुख और दुख
दर्द और पीड़ा
पाना और खोना
मिलन और विरह
खिलना और मुरझाना
नमी और प्यास
बिल्कुल ये बारिशें ऐसी होती हैं
जैसे जीवन का कोई संत्र चल रहा हो......
बिल्कुल ये बारिशें ऐसी होती हैं
जवाब देंहटाएंजैसे जीवन का कोई संत्र चल रहा हो......
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 10 जुलाई 2022 को साझा की गयी है....
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सटीक लिखा है आपने..
जवाब देंहटाएंबिल्कुल ये बारिशें ऐसी होती हैं
जैसे जीवन का कोई संत्र चल रहा हो......